मैं पिछले कुछ सालों से blogging कर रहा हूँ, और मैं एक home office में से काम करता हूँ. इस post में आपके साथ कुछ ऐसी problems को share करने वाला हूँ जो मुझे घर से काम करने में आती हैं.
मैंने अपना full-time blogging career 2009 के April महीने में शुरू किया. इस तिथि कि असल में महत्वता कुछ भी नहीं है. यह बस मेरी life का वह समय था जब मैंने अपनी job को छोड़ने का फैंसला किया और blogging को career के रूप में चुना.
अधिकतर लोग यह विश्वास रखते हैं कि blogging का एक सबसे बड़ा advantage घर से काम करने का है. आप दिन और रात के किसी भी समय काम कर सकते हैं, और यहाँ तक कि आप अपने पायजामा में भी काम कर सकते हैं. पर घर से काम करना इतना बढ़िया नहीं हैं जितना कि लोग सोचते हैं! यदि आप घर से काम करते हैं, आपको पता है कि मैं किसके बारे में बात कर रहा हूँ? यदि नहीं, तो आप इस post में जानने वालें हैं.
इस post में मैं कुछ महत्वपूरण challenges और issues जो घर में बैठकर काम करने वाले लोगों के सामने आते हैं उनको highlight करने वाला हूँ. आपकी situation मेरे से अलग हो सकती है, परन्तु यदि आप घर से काम करते हैं तो आप बहुत सी similarities को अपने साथ relate कर सकते हैं.
घर में से काम करने के साथ जुडी समस्याएं
काम-काम और काम:
जिस तरह का मैं काम करता हूँ उसके लिए मुझे computer के सामने दिन में कम से कम 14 घंटे बिताने पड़ते हैं. हर महीने मेरी चार या पाँच राते बिना सोये हुए निकलती है जब मैं बहुत ज्यादा busy होता हूँ. यहाँ तक कि ये post भी जिसे आप पढ़ रहें है ऐसे ही एक sleepless रात का outcome है.
जब मैं काम के बारे में सोचता हूँ कि कितना सारा काम मुझे आज complete करना है, यह बहुत overwhelming होता है. Blog posts को लिखना, guest posts को edit करना, comments का reply करना, दूसरे blogs पर comment करना, social media sites पर active रहना, मेरे सभी blogs को मैनेज करना, मेरे blog network की SEO को manage करना, client sites के लिए plan और strategies को बनाना, client sites पर काम करना, clients के साथ बात-चीत करना, advertisers के साथ बातचीत करना, दूसरे bloggers और readers के द्वारा भेजी गयी emails का जवाब देना, दिन में रोज़ दो घंटे feed reading करना, नए software को try करना, नए apps और plugins को try करना, financial हिसाब किताब करना, मेरी किराये की property को मैनेज करना और बहुत कुछ अन्य चीज़े करना.
ईमानदारी से कहूँ, रातों में जागने के बावजूद भी, मैं बड़ी मुश्क्किल से अपने किसी भी दिन के कार्य का 60% तक ही कर पाता हूँ. इसके अंत में मेरा mind और body मुझे और काम के लिए allow नहीं करते क्योंकि उन्हें आराम चाहिए होता है.
घर में बैठकर काम करने की एक सबसे बड़ी problem ये है कि इसका मेरी social-life पर negative impact पड़ता है. इसके बहुत से कारण है, कारणों को मिलाकर, जोकि घर में बैठ कर काम करने वाले और office में जाकर काम करने वाले लोगों में होते हैं. जो लोग घर से बाहर रहकर काम करते हैं उनका अलग lifestyle होता है और उनका एक दिन में बहुत से लोगों के साथ संपर्क होता है. और दूसरे हाथ पर मेरे जैसे लोग जिनका अधिकतर समय घर पर बीतता है, उनके पास लोगों के साथ मिलने के same मौके नहीं होते. मैं यहाँ तक कि ये भी count कर सकता हूँ कि पिछले महीने मैं कितने और कौन से लोगों से मिला. मैंने हजारों लोगों से online communicate कर सकता हूँ या phone पर भी, पर शायद ही एक महीने में 10 से ज्यादा लोगों को personally नहीं मिलता हूँगा.
अपने काम जो मैं रोज़ करता हूँ, उसके इलावा, बहुत से लोगों को मुझे मिलने की expectations होती हैं. मेरे blog के readers रोज़ नया, high-quality content चाहते हैं. जो लोग मेरे साथ काम करते हैं, वे जगह चाहते हैं जिनमे वे मेरे साथ काम कर सकें. मेरे parents उनके लिए मेरा dedicated time चाहते हैं, और यहाँ तक कि मेरा शारीर भी मुझे rest चाहता है! यह list चलती ही रहती है.
जब मैंने अपना blogging career शुरू किया था, मेरी मिलने की कुछ expectations और demands थी. ऐसा भी समय था जब मैं केवल weekdays में काम किया करता था और weekends पर मैं बाहर जाता था और socialize होता था. पर पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ बदल गया है. मैंने अपने आप को शनिवार की रात को भी काम करता हुआ पाता हूँ, जब बहुत से लोग बाहर जाकर enjoy कर रहें होते हैं.
इसके साथ ही मैंने अपने घर से पिछले बहुत से सालों से दूर रह रहा हूँ, तो मेरा परिवार के साथ मिलने का time भी distance के कारण limited है.
Frustration, frustration और बहुत ज्यादा frustration:
घर से काम करना और frustration एक package deal की तरह आते हैं. मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं, पर पिछले कुछ महीनो में मैंने अपने आप में पैदा हो रहे pressure को महसूस किया.
मैं लोगों के साथ मिलना और hangout करने को miss करता हूँ. (मैं real faceto face मुलाकातों की बात कर रहा हूँ नाकि मेरे online friends की.)
अपनी life को imagine कीजिये आप घर से almost 15 दिनों के लिए कहीं बाहर नहीं गए और फिर आप बाहर जाते हैं एक दम से तो आपको लगता है कि आप किसी और ही दुनिया में आ गये हैं.
ऐसे ही जब मैं लम्बे समय के बाद बाहर जाता हूँ, मैं एक alien कि तरह महसूस करता हूँ. किसी भी friend को मिलना ऐसा लगता है जैसे मुझे किसी ने antidote दी हो और मैं बस मरने ही वाला था.
Targets को set करना और उन्हें achieve करना:
मैं एक planner ही हूँ, और जब बात काम की आती है, मैं उसे strategy के हिसाब से करना पसंद करता हूँ. जब आप घर से आज़ादी से काम करते हैं चाहे, कोई matter नहीं करता की आप कितनी planning करते हैं और यह भी matter नहीं करता कि आप उसपर कितना focus करते हैं और आप कितने passionate हैं. ऐसे ही समय में आप अपनी सारी energy को loss करते हैं और बोर होते हैं. मेरे पास लग-भग 10 plans है जिन्हें मैं शुरू करने की सोच रहां हूँ, और हर महीने मैं इनमे 3 या 4 और नए add करने के बारे में सोचता हूँ. इन सब चीज़ों के लिए मेरे पास बस एक ही चीज़ कि कमी है और वो है समय. मुझे कुछ बड़े नामों के द्वारा interview के offers भी आते हैं, पर मैं simply इन interviews को पूरा करने के लिए भी समय नहीं निकाल पाता.
Feelings और emotions
मेरे college के दिनों में back जाएँ तो, मैं एक ऐसा व्यक्ति हुआ करता था जो कि दुःख के सागर में भी ख़ुशी को ढून्ढ लिया करता था. मेरे किसी भी friend ने मुझे कभी उदास या मायूस नहीं देखा. मैं मेरे आस-पास सभी से प्यार करता था. मैंने happy-go-lucky के kind का एक लड़का था. इन दिनों में मैं महसूस करता हूँ कि वे feelings अब चली गयी है. 24 घंटे 7 दिन laptop के सामने बैठकर बस काम करना मुझे रोबोटिक feel देता है. मैं अपनी खुद की family से detached feel करता हूँ और मेरे close friends से भी. मैं प्रार्थना करता हूँ कि इन सभी चीज़ों से मैं जल्दी ही ऊपर उठ सकूँ.
Office Vs Home
मैंने अपने घर में एक छोटा office setup किया हुआ है जोकि चार-पाँच लोगो के लिए बढ़िया है, पर मैं अपने खुद के office में move करना consider कर रहा हूँ. मैं अपने friend अंकित से बात कर रहा था जोकि मेरी ही तरह काम करता है और वह पिछले साल office में shift हुआ. तो मैंने उसे उसका experience जानने के लिए बुलाया और उसके खुद के शब्दों में:
“जब मैंने office में move किया, पहले कुछ महीनो तक मैं time से office पहुँचता रहा, और सभ कुछ perfect किया, काम समय पर किया, और सब कुछ smooth था. और शायद मैं तीन साल घर से काम करने के बाद office में काम करके enjoy किया. फिर मेरा office जाने का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे हो गया और फिर मैं office 3-4 दिन के लिए जाने लगा नहीं तो मैं घर से ही काम करता.
हर साल मुझे एक police वाले को रिश्वत देनी पड़ती जो कि एक complimentary की तरह आता जब आप office शुरू करते हैं. मुझे अपना office maintain करना पड़ता और देखना पड़ता कि सब कुछ सही है, टीम को maintain करना, meetings और काम आदि.
पहले आपको इसमें मज़ा आएगा, पर बाद में यही आपके लिए frustration का कारण बनेगा. Luckily मेरी गर्लफ्रेंड मेरी partner है, और वह एक बढ़िया manager है. मेरे office को चलाने का खर्चा हर महीने $1300 है. यदि आप मेरे suggestion के लिए पूछ रहें है, तो घर से काम कीजिये और एक office में invest करने की जगह quality लोगों को hire कीजिये और उन्हें अपने साथ काम करने दीजिये.”
Takeaway: हर एक कामयाब आदमी के पीछे एक इस्त्री का हाथ होता है.
तो इससे मुझे confusion हुयी कि मुझे office चाहिए के नहीं चाहिए. उसका point बहुत बढ़िया था, इसीलिए किसी भी कारणों के लिए दूसरे experienced लोगों को consult करना better होता है. वो हमें बढ़िया guide करते हैं.
तो मैं यहाँ था – मैं एक office शुरू करना चाहता था, पर मेरे काम के nature के कारण (blogging, blogging और ज्यादा से भी ज्यादा blogging) एक टीम की इतनी भी ज़रुरत नहीं. Bloggers ऐसे लोग होते हैं जिन्हें एक 9-7 job में बंधे नहीं रहना पड़ता. (नहीं तो ये एक newspaper एजेंसी चलाने की तरह होगा.)
ऐसे कौन से कुछ issues है जो आप घर में बैठकर काम करके face कर रहें है?
अपने विचारों को share करने में फ्री feel कीजिये.
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